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13 लेखनी आधे अधूरे मिसरे -प्रसिद्ध पंक्तियाँ काब्य प्रतियोगिता-09-Jul-2023 ले चल वहाँ भुलावा देक


शीर्षक  :-ले चल वहाँ भुलावा देकर मेरे नाविक  धीरे धीरे।


ले चल वहाँ भुलावा देकर मेरे नाविक  धीरे धीरे।
जहाँ न कोई हो भूखा प्यासा न हो दुःखौ की नदिया गहरी रे।।
जहाँ किसी के मन में न हो किसी तरह की द्वेष भावना।
जहाँ हो सबका दिल साफ मन में न हो कोई  बुरी कामना।।
जहाँ न आती हो कभी भी  क्रोध भाव की अवनी रे---------लेवल वहाँ १
जहाँ सब आपस में प्रेम भाव से हमेशा मिलते हों।
जहाँ नित रोज प्यार  के नये नये पुष्प  खिलते हों।।
जहाँ नित ठण्डी हवा बहती हो सागर तीरे तीरे रे------ले चल वहाँ २
जहाँ के लोग कभी आपस में न लड़ते और झगडते हो।
एक दूसरे के सुख दुःख में सेवा का भाव रखते हों।।
जहाँ के लोग न करते हों कोई  भी बुरी करनी रे।-----ले चल वहाँ भुलावा ३


आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध  पंक्तियाँ प्रतियोगिता  हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी"




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